![]() |
| Gazal | gskidiary | BG:YQ |
गज़ल
कितनी है तुझमें ललक देखना है।
ऐ इश्क़ तेरी एक झलक देखना है।।
कहते हैं सब कुछ मिलता है वहाँ।
मुझे तुम्हारी वो फलक देखना है।।
हर कोई जिससे मदहोश हुआ है।
मुझे वो ज़ाम-ए-छलक देखना है।।
है कितनी बेताबियाँ तुझमें समायी।
मिलकर तुमसे वो चहक देखना है।।
जादू तेरा जो छा रहा सब पे।
वो जादू मुझे रूह तलक देखना है।।

0 Comments
यदि आप हमारे साथ कुछ साझा करना चाहते हैं तो बेझिझक हमें लिखें | सम्भव हुआ तो हम आपके लेख भी अपने ब्लॉग पर प्रकाशित करेंगे |