Dosti |दोस्ती

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दोस्ती

दोस्ती एक अनोखा रिश्ता है।

जो शांत भी है और चँचल भी ।।

रग रग में समा जाती है ये।

पर कोई रक्त सम्बन्ध नहीं ।।

तुम्हारी तकलीफ़ में जब तक

खून के रिश्ते तुम तक पहुंचेंगे

उससे पहले दोस्त तेरे गले से लग चुका होगा, 

तुम्हें रोने से मना करेगा और ख़ुद ऑंसू बहा रहा होगा। आज तक इसकी कोई भी उचित परिभाषा नहीं बनी, सबने अपने अपने अनुसार इसकी तारीफें पढ़ीं। 

दोस्ती में जितना प्रेम किया जाता है

उतना ही बाकी रह जाता है। 

हार जाने से रोकता है!

दोस्ती टूटने से बचाता है।।

दोस्ती में आप चाहकर भी 

दूर नहीं जा पाएँगे।

इतना गहरा प्रेम है इसमें

कि इसी के होकर रह जाएंगे।।

वचन जो स्वयं से स्वयं करते हैं 

कभी न भूल पाने की,

कभी न बिछड़ने की 

लेकिन हर कोई अंतिम साँस तक 

ये वचन बचा नहीं पाता है।

कोई बिछड़ जाता है

तो कोई रूठ जाता है।।

इस रिश्ते में समर्पण है।

तो आजीवन आनन्द है।।

धोखे मिलेंगे और आरोप लगाएंगे

पर हम उसे कोई सजा ना दे पाएंगे। 

बोलेंगे बहुत कुछ पर कुछ कह ना पाएंगे।।

दोस्ती विषय नहीं है,

बल्कि एक भाव है एहसास है।

ऐसा रिश्ता जो सब रिश्तों में खास है।।

जिनको लगता है कि समझ में आ गया 

लोगों को परखने लगे दोस्ती के मूल्य समझ गए ।

दरअसल वो उससे उतने ही दूर होते गए।।

दोस्ती जिया जाता है जताया नहीं जाता। 

कुछ बातें सरेआम बताया नहीं जाता।।

दोस्ती मतलब आप नहीं

तुम होता है! हम होता है! 

इसमे उम्र का बन्धन नहीं 

सम्मान अपमान का भय नहीं।।

सिर्फ़ साथ चलना है। 

हर बार! बार बार! लगातार! 

दोस्ती दुःख में भी है और सुख में भी! 

दोस्ती बस वक्त से परे एक एहसास है! 

जिसे बयाँ करना नामुमकिन है 

समझना कठिन है और निभाना तो और भी मुश्किल। 

इसे हर कोई जी नहीं पाया,  जिसने जिया वो ही मरा! मुस्कुराते हुए 😊।

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