गुरु @gskidiary.blogspot.com
तेरी यादेंतेरी मीठी यादें भी, फीकी चाय को कर देती। मुस्कराते हुए नैनों को फिर, अश्कों से भर देती।। ओ यारा तू कित्थे है मुझे छोड़ राह अकेला। आँखों से बीएस सावन बरसे और है तन्हाई का मेला।।
सदियों जैसे हो गये हमको संग में झूला झूले। कोई बता दो इस दीवाने दिल को उसको कैसे भूलें।। कि तुझसे थी सारी ख़ुशी, सिर्फ़ तू ही थी मेरी आशिक़ी। टूटे दिल संग कैसे हम यार जियें अब जिंदगी।। |
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