Bas tum hamare ho| बस तुम हमारे हो

 

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बस तुम हमारे हो...

याद है तुम्हें क्या
या फिर वो सब बिसारे हो
जो कहा करते थे गुरु
बस तुम हमारे हो।

 

शाम होते जब भी तुम
चाय बनाया करती थी
फिर याद करके मुझको तुम
मैसेज या कॉल मिलाया करती थी।।

 

उन लम्हों की तेरी बातें
अब भी याद आते हैं
अक्सर सोच सोच कर हम
अकेले मुस्कुराते हैं।

यादों की सरोवर में 
दीदार तुम्हारा करता हूँ
खड़ा वहीं बेसुध
इंतज़ार तुम्हारा करता हूँ।।


आस यही लगाए हैं
कभी तो मिलने आओगे
करके मुझको आलिंगन
मेरी पीड़ा सभी मिटाओगे
मेरे मन्दिर वासी तुम्हीं पूज्य हमारे हो
भीड़ भरी दुनिया में बस तुम्हीं एक हमारे हो...✍️

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