gskidiary| mai kya karu |
हर बात अपने दिल में छुपाये तो क्या करूँ।
लाख कोशिशों बाद न बताए तो क्या करूँ।।
लाख कोशिशों बाद न बताए तो क्या करूँ।।
वक़्त वो पहले जैसा अब रहा है नहीं।
अब याद वो दौर आये भी तो क्या करूँ।।
जब भी पूछूँ , वो कहते हैं ठीक हूँ।
पर दिल मेरा तड़प जाए तो क्या करूँ।।
मैं हँसता हूँ उसके नाम भर से अक्सर।
पर अब आँख नम हो जाये तो क्या करूँ।।
जो कभी राज़ को राज़ रखा नहीं मुझसे।
वही अब दर्द दिल के छुपाये तो क्या करूँ।।
मैं चाहता हूँ उसका ज़िंदा रहे हमेशा बचपना।
अब वो ख़ुद को समझदार बताए तो क्या करूँ।।
चाहत है वो हर दुःख साझा करे बेझिझक।
पर बात सिर्फ़ ख़ुशियों के बताए तो क्या करूँ।।
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