हर घर तिरँगा - दोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं भारत सरकार द्वारा चलाये जा रहे अभियान "हर घर तिरंगा" पर एक छोटी सी कविता। आशा है आप सबको पसन्द आएगा।
जय हिंद जय भारत🙏🇮🇳 वन्देमातरम
हर घर तिरंगा
नया प्रयास है, नया कदम है
राष्ट्रभक्ति में डूबा मन है
झोपड़ मकान है राष्ट्र ध्वज से रँगा
हर घर तिरंगा, घर घर तिरंगा।
जो न समझ सके कीमत आज़ादी की
वो जिम्मेदार हैं देश के बर्बादी की
जिसने क़ुर्बा कर दी, अपनी सारी जवानी
भारत के वो सपूत कहलाये वीर अमर बलिदानी
लहर लहर लहराती है अब धरा पे गंगा
हर घर तिरंगा, घर घर तिरंगा।।
हिन्दू मन्दिर में कर भेंट पुष्प की
करता है प्रार्थना
मस्ज़िद में बैठा मुस्लिम
करता है दुआ याचना
यीशु को ईसाई याद करे
सिक्ख करे गुरु की वाचना
पर सभी हृदय बस एक धर्म हो
केवल अपनी भारत माँ!
फिर न गृहयुद्ध हो कभी
न होगा यहाँ पे दंगा
हर घर तिरंगा, घर घर तिरंगा।
धानी रंग आँचल का माँ ने
सुंदर रंग सँवारा है
नेताजी ,आज़ाद , भगत सिंह को
लगता ये बड़ा प्यारा है
सरहद पे रहे निगाह मेरी
और उसी ओर रहे पांव हमारा
कसम उसे भारतभूमि की
जिसने पीछे कदम को टारा
राष्ट्र हित में यही हमारा
है नया धरम और कर्मा
हर घर तिरंगा, घर घर तिरंगा।।
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