Mitra tumhe bana baithe|मित्र तुम्हें बना बैठे

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तुम चाहे मुझे बेपरवाह कहो
चाहे स्नेह अथाह कहो,
ईश्वर ने हमें मिलाया जब
हम मित्र तुम्हें बना बैठे।


अब मुझमें तुममें भेद नहीं
किस्मत का तनिक भी खेद नहीं,
जिसको तुम जैसा मित्र मिले
इतना सुन्दर जिसका चरित्र मिले
जिसे हृदय बसा सब व्याकुल हों
पाने को जिसे सब आतुर हों
मैंने सरलता से उसे पाया है
उसने स्वयं मुझे अपनाया है
तेरी मासूम सादगी देखकर
तुमसे गहरा नेह लगा बैठे
हम मित्र तुम्हें बना बैठे।।

कभी रूठके दूर न जाना तुम
ये वादा सदा निभाना तुम
तेरे सिवा कोई अब खास नहीं
अब रहा किसी पे विश्वास नहीं
सबने भावनाओं को छलनी कर डाले
हृदय बहुत हैं छल के छाले
एक साथ तुम्हीं को पाया है
तुमने रिश्तों में विश्वास जगाया है
मेरे बचे हुए कुछ सांसों में
एक साहस नई जगा बैठे
हम मित्र तुम्हें बना बैठे...✍️

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