सोचिए उसका जीवन कैसा होगा?
जिसने कल्पना कुछ और किया हो
और परिणाम उसे कुछ और मिला हो
उसने रास्ता चुना हो बेहतर मंजिल का
और मिले ठिकाना गुमनाम शहर का
जहाँ प्रकाश पुंज का जाना असम्भव है
जहाँ सजीव भी लगता शव है
जहाँ भावनाओं का सिंचन नहीं
जहाँ जीवन मरण का चिंतन नहीं
स्वांस स्वांस जिसका जलता होगा
सोचिए उसका जीवन कैसा होगा?
शब्दोकोश में वो शब्द न मिले
परस्थितियाँ जो व्यक्त कर सके
ले सीने ज्वालामुखी घूमे
आस लगे जब आँसू पीने
पैरों में छाले उभरें
किन्तु कदम नहीं ठहरें
पीड़ा किससे वो बतलाता होगा
क्या क्या सबसे छिपाता होगा
कितना बोझ लिए मन मस्तिष्क में
होंठों पर मुस्कान सजाता होगा
सोचिए ऐसा जीवन कैसा होगा?
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