ग़ज़ल
न भेजो सन्देश कोई, मुझे जवाब लिख दो।
मेरी अनंत भावनाओं का हिसाब लिख दो।।
मुझे सूखी पत्तियाँ समझो यही बहुत है।
मैने कब कहा मुझे गुलाब लिख दो।।
ये जीवन बहुत अनमोल है मुस्करा के जिओ।
दोस्तों रास्तों पर अपने ख़्वाब लिख दो।।
मुश्किलों की परवाह मत कर सब अच्छा होगा।
हृदयस्पर्शी कोई शब्द नायाब लिख दो।।
अहम से मुझे स्वीकार मत कर।
चाहत तेरी भी थी ये राज़ लिख देना।।
मधुशाला क्या जाना मैं ऐसे कहाँ होश में।
जुदाई बन गई शाकी ये नासाज़ लिख देना।।
हम बहके नहीं गुरु बस लड़खड़ाये हैं।
हम पीते नहीं कभी शराब लिख देना।।
क्या कोशिश क्या आजमाइश करूँ।
जो टूट गए हैं गुरु वो सारे ख़्वाब लिख देना।।
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