"गज़ल"
वैवाहिक समारोह में सुंदर सज्जा सब मिल सजाते हैं।
आनंदित करती हृदय नयन को मनोरम दृश्य बनाते हैं।।
वसुंधरा पर सँवर कर चन्दा ख़ुशियों की डोली लाये।
सांझ ढले बन बाराती कई सितारे आते हैं।।
स्वादिष्ट पकवान और मिष्ठान का भंडार लगाया जाता है
खड़े द्वार जनमानस को अभिवादन कर अंदर लाते हैं।।
उत्साह भरे इस उत्सव में कई चेहरे खिल उठते।
कहीं नयन की टक्कर होती कहीं हृदय मिल जाते हैं।।
एक जोड़ी बनाने को दिन रात खर्च परिश्रम होता है।
उसी परिश्रम और खर्च में कई जोड़ियां बन जाते हैं।।
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