दोस्त
मेरे सुख दुःख के फ़साने का
न पूछो राज़ मेरे मुस्कराने का
कुछ पल की रिश्तेदारी नहीं है
दोस्ती फर्ज़ है उम्र भर निभाने का
न पूछो राज़ मेरे मुस्कराने का
कुछ पल की रिश्तेदारी नहीं है
दोस्ती फर्ज़ है उम्र भर निभाने का
न कोई मांग न शर्त है
ये तो एक डोर है बंध जाने का
न रक्त सम्बन्ध है न वचन शपथ
फिर भी साथ निभाते हैं हर वक़्त
दोस्ती होता नहीं रोने रुलाने का
ये ठिकाना है ख़ुशी के आशियाने का
ये पुष्प है गुलाब का
ज़िन्दगी को महकाने का
जब सब छोड़ जाते हैं
तब सिर्फ़ दोस्त साथ निभाते हैं
हमारे उदास लम्हों में
वजह बन जाते हैं मुस्कराने का
दर्द के आँसू भी खुशियों में बदल देते हैं
सबकी तक़दीर में नहीं होते दोस्त पाने का
इसमें प्यार भी है तक़रार भी है
एक दूसरे पर दोनों हक़दार भी हैं
बेफ़िक्री भी है अदा भी है
एक दूसरे की सलामती की दुआ भी है
न ज़माने की फिक्र न लोगों की परवाह
होता खुशियों का शहर दोस्त रहते जहाँ
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