जीवन में निराशाजनक या उदास क्षणों में यदि कोई सच में साथ देता है तो वह केवल दोस्त हैं। हमारे हर सुख और दुःख में अपनी हर सहभागिता निभाता है।
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"तुम मेरे सबसे प्रिय "
जीवन पथ में कई पथिक
अक्सर आते जाते हैँ।
कुछ बिछड़ गए कुछ बिसर गए
कुछ बनके स्मृति बस रह जाते हैँ।।
दूर छोर पे बैठा कोई हमको जैसे चितवत है।
तुमसे मिलना है सौभाग्य मेरा
शायद अच्छी मेरी किस्मत है।।
जनम जनम बस तेरा साथ हो
तुझसे ही सदा मेरी पहचान हो।
तुम हृदय विशेष हो विराजमान
जो नहीं ले सकेगा कोई दूजा स्थान।।
तुम राधा लक्ष्मी सिय हो।
तुम मेरे सबसे प्रिय हो।।
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