ऐसा घर | gskidiary
ऐसा घर छोटा सा प्रेम का एक ऐसा नगर चाहिए, जिसमें माँ का साथ उम्र भर चाहिए। हर छोटी - बड़ी खुशियाँ रहें मौजूद उसमें, सुंदर सा ऐसा मुझको घर चाहिए।। उनकी हर चाहतें कर सकूँ पूरा गुरु, मेरी मेहनत में ऐसा असर चाहिए। मधुर गीत गाये बहती पवन हों पंक्षियों की गूंजती किलकारियां, हरियाली की चादर ओढ़े धरती रहे महकती फूलों की हो जहाँ क्यारियां।। यूँ कुछ पग धरा और गगन चाहिए। ख़ुशियों का ऐसा मुझे सदन चाहिए।। |
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