गज़ल| gskidiaryइज़हार |
वो इस
तरह से मेरा इंतजार करते हैं ,
हाथों
मे लगाके मेहंदी श्रृंगार करते हैं |
नफरत जताते
हैं कभी शरमा जाते हैं ,
पर मेरी लंबी आयु का हर
त्योहार करते हैं ||
यूँ तो खूबसूरत है वो चाँद से भी ज्यादा ,
पर सादगी से वो अदा-ए -इक़रार
करते हैं |
ऐ हवा उस गली जाना तो जरा ये खबर देना ,
कि यादें बेइंतिहा किसी को बेकरार करते हैं ||
ये जो पढ़ते हो यारों मेरे
गज़ल-ओ-तराने ,
ये सारे शब्दों के मोती
उसीका इज़हार करते हैं |
आँखों ही
आँखों से वो जादू कोई करते हैं ,
इस तरह इश्क़ मे , हमको बीमार करते हैं ||
लफ्जों मे कुछ
बयां नहीं गज़ब इश्क़ फरमाते हैं ,
हया के दुपट्टे मे वो , पलकों से इज़हार करते हैं |||
0 Comments
यदि आप हमारे साथ कुछ साझा करना चाहते हैं तो बेझिझक हमें लिखें | सम्भव हुआ तो हम आपके लेख भी अपने ब्लॉग पर प्रकाशित करेंगे |