दोस्ती | Dosti

 

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दोस्त हैं ज़िन्दगी, दोस्ती जीता हूँ मैं।
ज़ाम मुस्कराहटों का सदा पीता हूँ मैं।।
बिन तेरे एक दिवस न बिताया गया।
हर पहर बनके साल जैसे बीता हूँ मैं।।

हो तेरी लम्बी उमर, मेरे लख्ते जिगर।
दोस्त रोशन तुम्हीं से, ये दोस्ती का शहर।।
तुम ख़ुशबू-ए-ग़ुल, वीरान बगीचा हूँ मैं।
हर पहर बनके साल जैसे बीता हूँ मैं।।

हैं जग में धोखे कई, तुम विलोम बन मिले।
मैं उजड़ता प्राण, तुम सोम बन मिले।।
मिलन को दिल ने कहा, आँख मींचा हूँ मैं।
तस्वीर मनचित्र में तेरी खींचा हूँ मैं।।
दोस्त हैं ज़िन्दगी, दोस्ती जीता हूँ मैं।
ज़ाम मुस्कराहटों का सदा पीता हूँ मैं।।

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