ज़िन्दगी कहाँ किसी से वफ़ा करती है।
लोगों को रुलाने का काम बेवफ़ा करती है।
रूह का रूह से मिलन जायज़ है दोस्त।
ज़िस्म तो साँसों से ज़ुदा करती है।।
जिनसे मिलना मुमक़िन नहीं दुनिया में।
किस्मत उन्हीं लोगों को अक्सर ख़ुदा करती है।।
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