Ye Prem Kahani -gskidiary Image credit: google |
ये प्रेम कहानी
करता एक प्रेमी, प्रेमिका से सवाल है।
क्या सच में मेरे जैसा, तेरा भी हाल है ।।
कि ये जो हमको वचन, आज दिए जा रहे हो
साथ जीने की ये जो, शपथ लिए जा रहे हो
क्या आजीवन इसका, निर्वाह कर पाओगी
क्या वचनों पर अपने, सदा ठहर पाओगी
माना कि है प्रेम, तुम्हारा हमसे अथाह
निःसन्देह पवित्र है, तुम्हारी ये चाह
किन्तु जिस घड़ी तुम किसी,
और से ब्याह जाओगी
क्या उस क्षण हाल मेरा, तुम जान पाओगी
मुस्कराहटों से विदा, तुम्हें हम करेंगे
शुभकामनाओं से तेरा, दामन हम भरेंगे
परन्तु भड़केगी विरह, की अग्नि सीने में
होंगे भीगे से हम, सर्दी के महीने में
फिर ईश्वर को भला, बुरा हम कहेंगे
कोसेंगे स्वयं, और अभागा हम कहेंगे
छुप छुप के सबसे बरसेंगे नैना
और अधरों से कहेंगे, मुस्कराते रहना
आओगे कभी, मिलने जो हमसे
निगाहें हमारी, फिर तुमसे न मिलेंगी
वो प्रसन्नता मिलन की,पहले जैसे न खिलेगी
अब तुम किसी की, अर्धांगिनी रहोगी
फिर कैसे मेरी, अनुरागिनी रहोगी
कि लग कर गले, कैसे दिल की कहेंगे
अधर पहले के जैसे, अब कैसे चलेंगे
भाषाहीन हम होंगे, अधर मुस्काएँगे बस
निःशब्द मतिष्क रहेगा, होगी जिह्वा विवश
कि अब तुम मेरे, बस हृदय तक रहोगे
प्रिय मेरे तुम अब, प्रियसी न रहोगे
आओगे सम्मुख यदि, तो मित्र सा हम मिलेंगे
तेरी परवाह तनिक, अब भी हम करेंगे
हम समेटे तेरी, हर निशानी रखेंगे
होठों पे हँसी, आँख पानी रखेंगें
अपनी अधूरी, "ये प्रेम कहानी" रहेगी..
मेरी बातें ये सारी, डायरी पुरानी कहेगी..✍️
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क्या सच में मेरे जैसा, तेरा भी हाल है ।।
कि ये जो हमको वचन, आज दिए जा रहे हो
साथ जीने की ये जो, शपथ लिए जा रहे हो
क्या आजीवन इसका, निर्वाह कर पाओगी
क्या वचनों पर अपने, सदा ठहर पाओगी
माना कि है प्रेम, तुम्हारा हमसे अथाह
निःसन्देह पवित्र है, तुम्हारी ये चाह
किन्तु जिस घड़ी तुम किसी,
और से ब्याह जाओगी
क्या उस क्षण हाल मेरा, तुम जान पाओगी
मुस्कराहटों से विदा, तुम्हें हम करेंगे
शुभकामनाओं से तेरा, दामन हम भरेंगे
परन्तु भड़केगी विरह, की अग्नि सीने में
होंगे भीगे से हम, सर्दी के महीने में
फिर ईश्वर को भला, बुरा हम कहेंगे
कोसेंगे स्वयं, और अभागा हम कहेंगे
छुप छुप के सबसे बरसेंगे नैना
और अधरों से कहेंगे, मुस्कराते रहना
आओगे कभी, मिलने जो हमसे
निगाहें हमारी, फिर तुमसे न मिलेंगी
वो प्रसन्नता मिलन की,पहले जैसे न खिलेगी
अब तुम किसी की, अर्धांगिनी रहोगी
फिर कैसे मेरी, अनुरागिनी रहोगी
कि लग कर गले, कैसे दिल की कहेंगे
अधर पहले के जैसे, अब कैसे चलेंगे
भाषाहीन हम होंगे, अधर मुस्काएँगे बस
निःशब्द मतिष्क रहेगा, होगी जिह्वा विवश
कि अब तुम मेरे, बस हृदय तक रहोगे
प्रिय मेरे तुम अब, प्रियसी न रहोगे
आओगे सम्मुख यदि, तो मित्र सा हम मिलेंगे
तेरी परवाह तनिक, अब भी हम करेंगे
हम समेटे तेरी, हर निशानी रखेंगे
होठों पे हँसी, आँख पानी रखेंगें
अपनी अधूरी, "ये प्रेम कहानी" रहेगी..
मेरी बातें ये सारी, डायरी पुरानी कहेगी..✍️
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